वसीयत एक महत्वपूर्ण कानूनी दस्तावेज है, जिसमें वसीयत बनाने वाला व्यक्ति (वसीयतकर्ता के रूप में जाना जाता है) व्यक्ति कहता है कि उसकी मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति कैसे हस्तान्तरित की जाएगी। वसीयत वैधता सुनिश्चित करने के लिए वसीयत को सावधानीपूर्वक निष्पादित करना महत्वपूर्ण है। इस अनुच्छेद में हम देखेंगे कि एक वसीयत के लिए कौन गवाह हो सकता है और भारत में एक वसीयत के सत्यापित या प्रमाणित करने के नियमों को नियंत्रित करने वाले नियम क्या हैं।
वसीयत का वसीयतकर्ता या वसीयत बनाने वाले व्यक्ति द्वारा हस्ताक्षरित होने के बाद इसे दो या दो से अधिक गवाहों द्वारा सत्यापित किया जाना चाहिए। भारतीय उत्तराधिकारी अधिनियम के अनुसार वसीयत को कम से कम दो गवाहों का वसीयत को स्वीकृति देना आवश्यक है|
एक गवाह होने का क्या उद्देश्य है?
गवाह होने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वसीयत कर देने वाला व्यक्ति मानसिक क्षमता और एक वसीयत बनाने का इरादा रखता है| इस समय के दौरान गवाह आपको और आपके कार्यों को देखता है और बाद में यदि कभी आपके इरादों या मन की स्थिति पर सवाल उठाया जाता है तो वह आपको सही प्रमाणित कर सकता है|
गवाह कौन हो सकता है?
गवाहों को वयस्क अर्थात् उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए, । साक्षी चुनते समय आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि वो आपके बाद जीवित रहे, क्योंकि उन्हें आपकी मौत के बाद वसीयत की गवाही देने की आवश्यकता हो सकती है। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आपके गवाह में कोई संभावित पूर्वाग्रह या हितों का विरोध न हो। इसके अलावा, एक पूरी तरह अजनबी की तुलना में एक संबंधि का गवाह होना बेहतर है जिससे आश्वासन रहे कि वसीयत बनाने की प्रक्रिया में भरोसेमंद लोग शामिल हैं| गवाह के रूप में किसी ऐसे व्यक्ति का चयन करना सबसे अच्छा रहेगा, जिसके नाम का वसीयत में कहीं भी उल्लेख नहीं किया गया है।
आपको कितने गवाह चाहिए?
वसीयत की पुष्टि के लिए आपको कम से कम दो गवाहों की आवश्यकता है, हालांकि कोई ऊपरी सीमा नहीं है| अगर आप किसी गवाह के आपके बाद जीवित रहने के बारे में संदिग्ध हैं, तो आप दो से अधिक गवाह भी रख सकते हैं|
गवाह होना क्यों ज़रूरी है?
गवाह वे लोग हैं जिन्होंने आप को वसीयत बनाते देखा है और इसकी सत्यता को प्रमाणित कर सकते हैं। वे यह भी बता सकते हैं कि वसीयत बनाते समय आप मानसिक रूप से स्वस्थ और वसीयत के मूल तत्वों से पूरी तरह अवगत थे और यह वसीयत आपने स्वतन्त्र इच्छा से बनाया है । अगर कभी वसीयत को चुनौती दी जाती है, तो वसीयत के मूल तत्वों को प्रमाणित करने के लिए गवाहों को बुलाया भी जा सकता है
आपको अपनी वसीयत के लिए किसे गवाह चुनना चाहिए?
आप अपनी वसीयत के लिए किसी भी दो वयस्कों को गवाह चुन सकते हैं, लेकिन उन्हें आपके बाद जीवित रहना चाहिए|
गवाह कब और कैसे वसीयत पे हस्ताक्षर करता है?
गवाहों को वसीयतकर्ता की मौजूदगी में वसीयत पर हस्ताक्षर करने की आवश्यकता है। गवाहों से उम्मीद की जाती है कि वह वसीयतकर्ता के हस्ताक्षर करने के बाद वसीयत पर हस्ताक्षर करेंगे।
क्या लाभार्थी या निष्पादक एक वसीयत के प्रति गवाह हो सकता है?
हां, दोनों लाभार्थी और निष्पादक एक वसीयत के साक्षी हो सकते हैं| हालांकि, वसीयत में कोई व्यक्तिगत रुचि रखने वाले व्यक्ति का चयन करना अच्छा नहीं है।